2 थिस्स 2:3 - उर्दू हमअस्र तरजुमा3 न ही किसी तरह किसी के फ़रेब में आना क्यूंके वह दिन नहीं आयेगा जब तक के लोग ख़ुदा के ख़िलाफ़ ईमान से बर्गश्तः न हो जायें, और वह मर्द-ए-गुनाह यानी हलाकत का फ़र्ज़न्द ज़ाहिर न हो जाये। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 किसी तरह से किसी के धोखे में न आना क्यूँकि वो दिन नहीं आएगा जब तक कि पहले बरगश्तगी न हो और वो गुनाह का शख़्स या'नी हलाकत का फ़र्ज़न्द ज़ाहिर न हो। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 कोई भी आपको किसी भी चाल से फ़रेब न दे, क्योंकि यह दिन उस वक़्त तक नहीं आएगा जब तक आख़िरी बग़ावत पेश न आए और “बेदीनी का आदमी” ज़ाहिर न हो जाए, वह जिसका अंजाम हलाकत होगा। Faic an caibideil |
जो हैवान तुम ने देखा वो पहले तो था लेकिन इस वक़्त नहीं है, और फिर दुबारा अथाह गढ़े में से निकलेगा और हलाकत का शिकार होगा। और रूए ज़मीन के वो बाशिन्दे जिन के नाम बिना-ए-आलम के वक़्त से किताब-ए-हयात में दर्ज नहीं हैं, उस हैवान को देखकर के पहले वो था और अब नहीं है लेकिन फिर दुबारा आयेगा हैरत-ज़दा हो जायेंगे।