1 तीमु 1:9 - उर्दू हमअस्र तरजुमा9 हम यह भी जानते हैं के शरीअत रास्तबाज़ों के लिये नहीं बल्के बेशरअ लोगों, सरकशों, बेदीनों, गुनहगारों, नापाक लोगों, नरास्तों और मां बाप के क़ातिलों और ख़ूनियों, Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20199 या'नी ये समझकर कि शरी'अत रास्तबाज़ों के लिए मुक़र्रर नहीं हुई, बल्कि बेशरा' और सरकश लोगों, और बेदीनों, और गुनहगारों, और नापाक, और रिन्दों, और माँ — बाप के क़ातिलों, और ख़ूनियों, Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस9 और याद रहे कि यह रास्तबाज़ों के लिए नहीं दी गई। क्योंकि यह उनके लिए है जो बग़ैर शरीअत के और सरकश ज़िंदगी गुज़ारते हैं, जो बेदीन और गुनाहगार हैं, जो मुक़द्दस और रूहानी बातों से ख़ाली हैं, जो अपने माँ-बाप के क़ातिल हैं, जो ख़ूनी, Faic an caibideil |