1 तीमु 1:4 - उर्दू हमअस्र तरजुमा4 और उन फ़र्ज़ी दास्तानों और बेइन्तिहा नस्ब नामों का लिहाज़ न करें इन से ईमान पर मबनी नजात बख़्श इलाही काम आगे नहीं बढ़ता लेकिन महज़ झगड़े पैदा होते हैं। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 और उन कहानियों और बे इन्तिहा नसब नामों पर लिहाज़ न करें, जो तकरार का ज़रिया होते हैं, और उस इंतज़ाम — ए — इलाही के मुवाफ़िक़ नहीं जो ईमान पर म्बनी है, उसी तरह अब भी करता हूँ। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस4 उन्हें फ़रज़ी कहानियों और ख़त्म न होनेवाले नसबनामे के पीछे न लगने दें। इनसे महज़ बहस-मुबाहसा पैदा होता है और अल्लाह का नजातबख़्श मनसूबा पूरा नहीं होता। क्योंकि यह मनसूबा सिर्फ़ ईमान से तकमील तक पहुँचता है। Faic an caibideil |
इस में कोई शक नहीं के हक़ीक़ी दीनदारी का सरचश्मा अज़ीम है यानी: वह जो जिस्म में ज़ाहिर हुए, और पाक रूह के वसीले सादिक़ ठहरे, और फ़रिश्तों को दिखाई दिये, ग़ैरयहूदियों में उन की मुनादी हुई, और सारी दुनिया में लोग उन पर ईमान लाये, और ख़ुदा ने हुज़ूर ईसा को अपने साथ रहने के लिये जलाल में आसमान पर उठा लिया।