1 पतरस 4:6 - उर्दू हमअस्र तरजुमा6 क्यूंके मुर्दों को भी ख़ुशख़बरी इसीलिये सुनाई गई थी के जिस्म के लिहाज़ से तो उन का इन्साफ़ इन्सानी पैमाना के मुताबिक़ हो, लेकिन अपनी रूह में वो ख़ुदा की मर्ज़ी के मुताबिक़ ज़िन्दा रहीं। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20196 क्यूँकि मुर्दों को भी ख़ुशख़बरी इसलिए सुनाई गई थी कि जिस्म के लिहाज़ से तो आदमियों के मुताबिक़ उनका इन्साफ़ हो, लेकिन रूह के लिहाज़ से ख़ुदा के मुताबिक़ ज़िन्दा रहें। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस6 यही वजह है कि अल्लाह की ख़ुशख़बरी उन्हें भी सुनाई गई जो अब मुरदा हैं। मक़सद यह था कि वह अल्लाह के सामने रूह में ज़िंदगी गुज़ार सकें अगरचे इनसानी लिहाज़ से उनके जिस्म की अदालत की गई है। Faic an caibideil |
“शरीअत के एतबार से तो मैं सलीब पर मर चुका हूं, ताके मैं ख़ुदा के एतबार से ज़िन्दा हो जाऊं। मैं अलमसीह के साथ जिस्मानी तौर से मस्लूब हो चुका हूं और मैं ज़िन्दा नहीं हूं, बल्के अलमसीह मुझ में ज़िन्दा है। और जो ज़िन्दगी अब मैं गुज़ार रहा हूं वह ख़ुदा के बेटे पर ईमान लाने की वजह से गुज़ार रहा हूं, जिस ने मुझ से महब्बत की और मेरे लिये अपनी जान क़ुर्बान कर दी।
उन पर ये ज़ाहिर कर दिया गया था के उन की ये ख़िदमत अपने लिये नहीं बल्के तुम्हारे लिये कर रहे हैं। लिहाज़ा जो बातें उन्होंने कही थीं अब ख़ुशख़बरी सुनाने वालों ने पाक रूह की मदद से जो आसमान से नाज़िल हुआ, तुम्हें बतायें। ये सब इतनी ख़ूबसूरत है के फ़रिश्ते भी इन बातों को बारीकी से समझने की बड़ी आरज़ू रखते हैं।