1 पतरस 4:3 - उर्दू हमअस्र तरजुमा3 क्यूंके तुम ने माज़ी में अपनी ज़िन्दगी का बेशतर हिस्सा ग़ैरयहूदियों की तरह शहवत-परस्ती, बदख़ाहिशात, शराबनोशी, नाच रंग, नशा बाज़ी और मकरूह क़िस्म की बुतपरस्ती में गुज़ार दिया। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 इस वास्ते कि ग़ैर — क़ौमों की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ काम करने और शहवत परस्ती, बुरी ख़्वाहिशों, मयख़्वारी, नाचरंग, नशेबाज़ी और मकरूह बुत परस्ती में जिस क़दर हम ने पहले वक़्त गुज़ारा वही बहुत है। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 माज़ी में आपने काफ़ी वक़्त वह कुछ करने में गुज़ारा जो ग़ैरईमानदार पसंद करते हैं यानी ऐयाशी, शहवतपरस्ती, नशाबाज़ी, शराबनोशी, रंगरलियों, नाच-रंग और घिनौनी बुतपरस्ती में। Faic an caibideil |