1 पतरस 3:5 - उर्दू हमअस्र तरजुमा5 क्यूंके ख़ुदा पर उम्मीद रखने वाली मुक़द्दस ख़्वातीन माज़ी ज़माने में भी अपने आप को इसी तरह संवारती थीं और अपने शौहरों के ताबे रहती थीं। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20195 और अगले ज़माने में भी ख़ुदा पर उम्मीद रखनेवाली मुक़द्दस 'औरतें, अपने आप को इसी तरह संवारती और अपने अपने शौहर के ताबे' रहती थीं। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस5 माज़ी में अल्लाह पर उम्मीद रखनेवाली मुक़द्दस ख़वातीन भी इसी तरह अपना सिंगार किया करती थीं। यों वह अपने शौहरों के ताबे रहीं, Faic an caibideil |