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- Sanasan -




1 पतरस 1:22 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

22 चूंके तुम ने हक़ की ताबेदारी से अपने आप को पाक किया है जिस से तुम में भाईयों के लिये बेरिया बरादराना महब्बत का जज़बा पैदा हो गया है, इसलिये दिल-ओ-जान से आपस में बेपनाह महब्बत रखो।

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

22 चूँकि तुम ने हक़ की ताबे 'दारी से अपने दिलों को पाक किया है, जिससे भाइयों की बे'रिया मुहब्बत पैदा हुई, इसलिए दिल — ओ — जान से आपस में बहुत मुहब्बत रख्खो।

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

किताब-ए मुक़द्दस

22 सच्चाई के ताबे हो जाने से आपको मख़सूसो-मुक़द्दस कर दिया गया और आपके दिलों में भाइयों के लिए बेरिया मुहब्बत डाली गई है। चुनाँचे अब एक दूसरे को ख़ुलूसदिली और लग्न से प्यार करते रहें।

Faic an caibideil Dèan lethbhreac




1 पतरस 1:22
51 Iomraidhean Croise  

मैं तुम्हें हुक्म देता हूं: आपस में महब्बत रखो।


तुम इस कलाम के बाइस जो मैंने तुम से किया है पहले ही पाक साफ़ हो चुके हो।


हक़ के ज़रीये उन्हें मख़्सूस कर दीजिये; आप का कलाम ही हक़ है।


मैं अपने आप को उन के लिये मख़्सूस करता हूं, ताके वह भी हक़ के ज़रीये मख़्सूस किये जायें।


ख़ुदा ने हम में और उन में कोई इम्तियाज़ नहीं किया क्यूंके उन के ईमान लाने के बाइस उस ने उन के दिल भी पाक किये।


इस तरह ख़ुदा का कलाम तेज़ी से फैलता चला गया। यरूशलेम में शागिर्दों की तादाद बहुत ही बढ़ गई, और बहुत से काहिन भी ईमान लाये और मसीही हो गये।


आप की मारिफ़त हमें फ़ज़ल और रिसालत मिली ताके हम सब ग़ैरयहूदियों को आप के नाम की ख़ातिर ईमान से आने वाली इताअत के ताबे हों।


लेकिन जो ख़ुद ग़रज़ हैं और सच्चाई को तर्क कर के बदी की पैरवी करते हैं, उन पर ख़ुदा का क़हर और ग़ज़ब नाज़िल होगा।


क्यूंके अगर तुम गुनाह आलूदा फ़ितरत के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारोगे तो ज़रूर मरोगे लेकिन अगर पाक रूह के ज़रीये बदन के बुरे कामों को नाबूद करोगे तो ज़िन्दा रहोगे।


हम पाकीज़गी से, इल्म से, तहम्मुल से, मेहरबानी से; पाक रूह से, सच्ची महब्बत से;


नादान गलतियो! तुम पर किस ने जादू कर दिया? तुम्हारी तो गोया आंखों के सामने ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह को सलीब पर टंगा दिखाया गया था।


मगर हम पाक रूह के वसीले से ईमान से रास्तबाज़ ठहराये जायेंगे और इस का हम उम्मीद से इन्तिज़ार कर रहे हैं।


तुम ईमान की दौड़ अच्छी तरह दौड़ रहे थे। किस ने नागहां मुदाख़लत कर के तुम्हें हक़ के मानने से रोक दिया?


पाक रूह ने तुम्हें एक कर दिया है इसलिये कोशिश करो के एक दूसरे के साथ सुलह के बन्द से बंधे रहो।


मेरी दुआ है के तुम अपनी महब्बत में ख़ूब तरक़्क़ी करो और तुम्हारा इल्म और रूहानी तजुर्बा भी बढ़ता चला जाये,


और ख़ुदावन्द ऐसा करे के जिस तरह हमें तुम से महब्बत है उसी तरह तुम्हारी महब्बत भी आपस में और सब लोगों के साथ बढ़े और छलकती जाये।


ऐ भाईयो और बहनों! तुम्हारे लिये ख़ुदा का शुक्र करते रहना हमारा फ़र्ज़ है। ऐसा करना इसलिये मुनासिब है के तुम्हारा ईमान तरक़्क़ी पर है और तुम सब की बाहमी महब्बत भी बढ़ती जा रही है।


ऐ भाईयो और बहनों! तुम जो ख़ुदावन्द के प्यारे हो, तुम्हारे लिये ख़ुदा का शुक्र करते रहना हमारा फ़र्ज़ है क्यूंके उस ने तुम्हें पहले ही से चुन लिया था के तुम पाक रूह से पाकीज़गी हासिल कर के और हक़ पर ईमान लाकर नजात पाओ।


मैंने सूबे मकिदुनिया जाते वक़्त तुझे नसीहत की थी के तू इफ़िसुस शहर में रह कर झूटी तालीम देने वाले बाज़ शख़्सों को ताकीद कर के वह आइन्दा ऐसा न करें।


मेरे इस हुक्म का मक़सद यह है के सभी मसीही मोमिनीन के अन्दर एक दूसरे के लिये महब्बत पैदा हो जो ख़ुलूस दिल, नेक नीयत और हक़ीक़ी ईमान से पैदा होती है।


कोई भी तेरी जवानी की हक़ारत न करने पाये बल्के तू ईमान लाने वालों के लिये गुफ़्तगू, चाल चलन, महब्बत, ईमान और पाकीज़गी में नमूना बन।


और बुज़ुर्ग औरतों को मां और जवान ख़्वातीन को पाकीज़गी से बहन जान कर समझा।


और पाक रूह की मदद से जो हम में बसा हुआ है उस अमानत को संभाल कर रख जो तेरे सुपुर्द की गई है।


ईमान ही से जब हज़रत इब्राहीम बुलाए गये तो वह ख़ुदा का हुक्म मान कर उस जगह चले गये जो बाद में उसे मीरास के तौर पर मिलने वाली थी हालांके वह जानते भी न थे के कहां जा रहे हैं।


एक दूसरे से भाईयों और बहनों की तरह बरादराना महब्बत क़ाइम रखो।


और कामिल बन कर अपने सब फ़रमांबरदारों के लिये अब्दी नजात का सरचश्मा हुआ।


इसलिये के ख़ुदा बेइन्साफ़ नहीं जो तुम्हारे काम और उस महब्बत को भूल जाये जो तुम ने उस की ख़ातिर उस के मुक़द्दसीन लोगों की ख़िदमत करने से ज़ाहिर की और अब भी कर रहे हो।


तो अलमसीह का ख़ून जिस ने अपने आप को अज़ली रूह के वसीले से ख़ुदा के सामने बेऐब क़ुर्बान कर दिया, तो उस का ख़ून हमारे ज़मीर को ऐसे कामों से और भी ज़्यादा पाक करेगा जिन का अन्जाम मौत है ताके हम ज़िन्दा ख़ुदा की ख़िदमत करें।


चुनांचे अपनी ज़िन्दगी की सारी नापाकी और बदी की सारी गंदगी को दूर कर के उस कलाम को हलीमी से क़बूल कर लो जो तुम्हारे दिलों में बोया गया है और जो तुम्हें नजात दे सकता है।


ख़ुदा के नज़दीक आओ तो वह तुम्हारे नज़दीक आयेगा। ऐ गुनहगारों! अपने हाथों को साफ़ कर लो और ऐ दो दिलो! अपने दिलों को पाक कर लो।


तुम ख़ुदा बाप के इल्म-ए-साबिक़ के मुवाफ़िक़ और पाक रूह के मुक़द्दस करने हुज़ूर ईसा अलमसीह के फ़रमांबरदार होने और उन के ख़ून के छिड़के जाने के लिये बरगुज़ीदा हुए हैं: तुम्हें कसरत से फ़ज़ल और इत्मीनान हासिल होता रहे।


सब का मुनासिब एहतिराम करो, अपनी मोमिनीन बिरादरी से महब्बत रखो, ख़ुदा से डरो और बादशाह की ताज़ीम करो।


इसी तरह ऐ बीवीयों! तुम भी अपने-अपने शौहरों की ताबे रहो ताके अगर उन में से बाज़ जो किताब-ए-मुक़द्दस को न मानते हों, तो भी तुम्हारे कुछ कहे बग़ैर ही तुम्हारे नेक चाल चलन की वजह से ईमान में आ जायें।


जो इस क़दीम ज़माने में नाफ़रमान रूहें थीं जब ख़ुदा हज़रत नूह के ज़माने में सब्र कर के उन्हें तौबा करने का मौक़ा बख्शा था। और उस वक़्त हज़रत नूह लकड़ी का जहाज़ तय्यार कर रहे थे जिस में सिर्फ़ आठ अश्ख़ास सवार होकर पानी से सही सलामत बच निकले थे।


ग़रज़ तुम सब एक दिल रहो, और एक दूसरे के साथ हमदर्दी दिखाओ, आपस में बरादराना महब्बत से पेश आओ, नर्म-दिल और फ़रोतन बनो।


क्यूंके वो वक़्त आ पहुंचा है के ख़ुदा के घर से ही अदालत शुरू हो, और जब उस की इब्तिदा हम ही से होगी तो उन का अन्जाम क्या होगा जो ख़ुदा की ख़ुशख़बरी को नहीं मानते हैं?


सब से अहम बात ये है के आपस में एक दूसरे से गहरी महब्बत रखो, क्यूंके महब्बत बहुत से गुनाहों पर पर्दा डाल देती है।


ख़ुदापरस्ती में बरादराना उल्फ़त का और बरादराना उल्फ़त में महब्बत का इज़ाफ़ा करते चले जाओ।


क्यूंके जो पैग़ाम तुम ने शुरू से ही सुना वो ये है के हम एक दूसरे से महब्बत रखें।


और उस का हुक्म ये है के हम उस के बेटे हुज़ूर ईसा अलमसीह के नाम पर ईमान लायें और उस के हुक्म के मुताबिक़ एक दूसरे से महब्बत रखें।


ख़ुदा को किसी ने कभी नहीं देखा लेकिन अगर हम एक दूसरे से महब्बत रखते हैं तो ख़ुदा हमारे अन्दर रहता है और उस की महब्बत हमारे दिलों में कामिल हो जाती है।


अगर कोई कहे के वो ख़ुदा से महब्बत रखता है मगर अपने भाई या बहन से अदावत रखता है तो वो झूटा है। क्यूंके जो अपने भाई या बहन से जिसे उस ने देखा है, महब्बत नहीं करता तो वो ख़ुदा से कैसे महब्बत कर सकता है जिसे उस ने देखा तक नहीं?


ऐ अज़ीज़ दोस्तों! आओ हम एक दूसरे से महब्बत रखें क्यूंके महब्बत की इब्तिदा ख़ुदा से है और जो कोई महब्बत रखता है वो ख़ुदा से पैदा हुआ है और ख़ुदा को जानता है।


लेकिन मुझे तुझ से ये शिकायत है के तू मुझे उस तरह महब्बत नहीं करता जिस तरह पहले करता था।


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