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- Sanasan -




1 पतरस 1:1 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

1 पतरस की जानिब से जो हुज़ूर ईसा अलमसीह का रसूल है, उन बरगुज़ीदा मुहाजिरों और आरज़ी मक़ीमीन के नाम ख़त लिखे, जो पुन्तुस, गलतिया, कप्पदुकिया, आसिया और सूबे बितूनिया में जा-ब-जा रहते हैं।

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

1 पतरस की तरफ़ से जो ईसा मसीह का रसूल है, उन मुसाफ़िरों के नाम ख़त, जो पुन्तुस, ग़लतिया, क्प्प्दुकिया, असिया और बीथुइनिया सूबे में जा बजा रहते है,

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

किताब-ए मुक़द्दस

1 यह ख़त ईसा मसीह के रसूल पतरस की तरफ़ से है। मैं अल्लाह के चुने हुओं को लिख रहा हूँ, दुनिया के उन मेहमानों को जो पुंतुस, गलतिया, कप्पदुकिया, आसिया और बिथुनिया के सूबों में बिखरे हुए हैं।

Faic an caibideil Dèan lethbhreac




1 पतरस 1:1
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और बारह रसूलों के नाम ये हैं: पहला शमऊन जो पतरस के नाम से भी जाने जाते हैं और फिर उन का भाई अन्द्रियास; ज़ब्दी का बेटा याक़ूब और उन का भाई यूहन्ना;


“अगर उन दिनों की तादाद कम न करता तो, कोई जानदार ज़िन्दा न बचाया जाता, लेकिन चुने हुए लोगों की ख़ातिर उन दिनों की तादाद कम कर दी जायेगी।


एक दिन सूबे गलील की झील के किनारे चलते हुए हुज़ूर ईसा ने दो भाईयों को, यानी शमऊन को जो पतरस कहलाते हैं और उन के भाई अन्द्रियास को देखा। यह दोनों उस वक़्त झील में जाल डाल रहे थे, क्यूंके उन का पेशा ही मछली पकड़ना था।


पस क्या ख़ुदा अपने चुने हुए लोगों का इन्साफ़ करने में देर करेगा, जो दिन रात उस से फ़र्याद करते रहते हैं? क्या वह उन्हें टालता रहेगा?


और सिर्फ़ यहूदी क़ौम के लिये ही नहीं बल्के इसलिये भी के ख़ुदा के सारे फ़र्ज़न्दों को जो जा-ब-जा बिखरे हुए हैं जमा कर के वाहिद क़ौम बना दे।


यहूदी रहनुमा आपस में कहने लगे, “ये आदमी कहां चला जायेगा के हम उसे तलाश न कर पायेंगे? क्या ये शख़्स हमारे लोगों के पास जो यूनानियों के दरमियान मुन्तशिर होकर रहते हैं, इन यूनानियों को भी तालीम देगा?


वहां पौलुस को एक यहूदी मिला जिस का नाम अक्विला था। वह पुन्तुस का रहने वाला था। और अपनी प्रिसकिल्लाह के साथ हाल ही में इतालिया से आया था क्यूंके क़ैसर क्लोदियुस ने हुक्म दिया था के तमाम यहूदी रोम शहर से निकल जायें। पौलुस उन के पास गये।


अन्ताकिया में कुछ अर्से गुज़ारने के बाद वह वहां से रवाना हुए और गलतिया और फ़रूगिया के सारे इलाक़ों से गुज़रते हुए तमाम शागिर्दों के ईमान को मज़बूत करते गये।


ये सिलसिला दो बरस तक चलता रहा, यहां तक के आसिया के सूबा में रहने वाले तमाम यहूदियों और ग़ैरयहूदियों को ख़ुदावन्द का कलाम सुनने का मौक़ा मिला।


उसी वक़्त आज़ादी पाये हुए यहूदी इबादतगाह के रुक्न में से (जैसा ये कहा जाता था) मुख़ालिफ़ उठ खड़े हुए कुरेनियों और इस्कन्दरियों के साथ-साथ किलकिया और आसिया के कुछ यहूदी मिल कर इस्तिफ़नुस से बहस करने लगे।


जमाअत के लोग बिखर जाने के बाद जहां-जहां गये, कलाम की ख़ुशख़बरी सुनाते फिरे।


सूबे आसिया की जमाअतें तुम्हें सलाम कहती हैं। अक्विला और प्रिसकिल्लाह, उस जमाअत समेत जो उन के घर में जमा होती है, तुम्हें ख़ुदावन्द के नाम से सरगर्मी के साथ सलाम कहते हैं।


ऐ भाईयो और बहनों! हम नहीं चाहते के तुम हमारी उस मुसीबत से बेख़बर रहो जो सूबे आसिया में हम पर आई। यह मुसीबत इस क़दर शदीद और हमारी क़ुव्वत बर्दाश्त से बाहर थी, के हम तो अपनी ज़िन्दगी से भी हाथ धो बैठे थे।


और उन सब मसीही भाईयों और बहनो की तरफ़ से जो मेरे साथ हैं, गलतिया सूबे की जमाअतों के नाम लिख्खा गया ख़त:


याद करो तुम उस वक़्त बग़ैर अलमसीह के, इस्राईली क़ौम की शहरीयत से ख़ारिज और वादे के अह्द से नावाक़िफ़, और नाउम्मीदी की हालत में दुनिया में ख़ुदा से जुदा थे।


पस अब तुम परदेसी और मुसाफ़िर नहीं रहे, बल्के ख़ुदा के मुक़द्दसीन के हम वतन और ख़ुदा के घराने के रुक्न बन गये,


तू जानता है के सूबे आसिया में सब लोगों ने मुझ से मुंह मोड़ लिया है। उन में फ़ूगलुस और हरमुगिनेस भी हैं।


ये सब लोग ईमान रखते हुए मर गये और वादा की हुई चीज़ें न पाऊं। मगर दूर ही से उन्हें देखकर ख़ुश होकर उस का इस्तिक़्बाल किया और इक़रार करते रहे के हम ज़मीन पर सिर्फ़ मुसाफ़िर और परदेसी हैं।


याक़ूब की जानिब से जो ख़ुदा का और ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह का ख़ादिम है, इस्राईल के बारह क़बीलों को जो तमाम जगहों में बिखरे हुए हैं, सलाम पहुंचे।


ऐ अज़ीज़ों! तुम जो मुहाजिरों और परदेसियों की मानिन्द ज़िन्दगी गुज़ार रहे हो, मैं तुम्हारी मिन्नत करता हूं के तुम उन बुरी जिस्मानी ख़ाहिशों से दूर रहो जो तुम्हारी रूह से लड़ाई करती रहती हैं।


शमऊन पतरस की जानिब से जो हुज़ूर ईसा अलमसीह का ख़ादिम और रसूल है, उन लोगों के नाम ख़त, जिन्होंने हमारे ख़ुदा और मुनज्जी हुज़ूर ईसा अलमसीह की रास्तबाज़ी के वसीले से हमारी तरह बेशक़ीमती ईमान पाया है।


जिस ने फ़रमाया, “जो कुछ तू देखता है उसे किताब में लिख कर सातों जमाअतों यानी इफ़िसुस, सुमरना, परिगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फ़िलदिल्फ़िया और लौदीकिया शहरों के पास भेज दे।”


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