इसताँई चौकस रैहऔ, कै तुम किस रीती सै सुनौ हौ, कैसेकै जिसके धौंरे कुछ है, उसई कै और दओ जागो और जिसके धौंरे कुछ ना है, बासै बौ बी ले लओ जागो, जिसकै बौ अपनो समजै है।”
पर अब सै हम किसी बी आदमी कै जा दुनिया की नजरौ के हिसाब सै ना देखंगे। पर एक बखत हो जब हम मसी कै जा दुनिया के लोगौ की नजरौ के हिसाब सै देखै हे पर अब ऐंसे ना देखै हैं।