ओ भईयौ और बहनौ, मैं तुम लोगौ सै बिनती करौ हौं कै जो सिक्छा तुमकै मिली है उस सिक्छा के बिरोद मै जो फूट डारै हैं, और ठोकर खबानै को काम करै है उन लोगौ सै दूर रौह।
तू अबी जमान है, इसताँई तेरे काम कन्नै कै कोई बेकार ना समजै। पर तेरी बोल चाल, सौभाब, पियार, बिसवास और तेरे सच्ची जिन्दगी के ताँई सिगरे बिसवासी लोगौ के बीच मै तू एक नमूना बन जाय।