आराम कन्नै बारे दिन हम सैहर के गेट के बाहार नद्दी के किनार जौ सोचकै गए कै बहाँ पिराथना कन्नै की जघै होगी। इसताँई हम बहाँ बैठकै उन बईयरौं सै बात करल लगे जो इखट्टी भई हीं।
हप्ता के पैले दिन जब हम परभु की याद मै रोटी तोड़नै के ताँई इखट्टे भए तबई पौलुस उनके संग बात बतकाल लगो कैसेकै बाकै दूसरे दिन जानो हो इसताँई आधी रात तक बौ उनके संग बात बतकातो रैहओ।
और अच्छी खबर सुनानै बारो तब तक कैसे सुना सकै है जब तक कै उनकै भेजो ना जाऐ? जैसो पबित्तर सास्तर मै लिखो है, “अच्छी खबर सुनानै बारौं के पाँऐ कितने भारचे हैं?”
परमेसर तुमरे फाएदा के ताँई जो बी हुकम मैंकै देवै है, बाके बजै सै मैं बिसवासी लोगौ के बीच एक सेवक बनो हौं, जिस्सै कै मैं परमेसर के बचन को पूरो पूरो परचार करौं,
और जाके संग-संग तुम हमरे ताँई बी पिराथना करौ, जिस्सै परमेसर हमकै बचन सुनानै के ताँई ऐंसी रस्ता खोल दै कै, हम मसी की बा गुप्त बात के बारे मै बता सकैं जिसकी बजै सै मैं कैद मै हौं।
तीमुथियुस तू जानै है कै, मैंनै का सिकाओ और मैं कैसे जी रओ हौं और मेरे जीनै को मकसद का है। तैनै मेरो बिसवास, पियार, सबर और सबर रखनै की तागत देखर खाई है।