6 मैहनत कन्नै बारे किसान कै फसल को हिस्सा सबई सै पैले मिलै है।
“सुरग को राज एक जमीदार के जैसो है जो सुबेरेई अपने अंगूर के बगीचा के ताँई मजूर लानै के ताँई लिकरो।
जिसकै पाँच हजार असरपी मिली हीं, उसनै तुरन्त जाकै उनसै लेन-देन करो, बानै पाँच हजार असरपी और कमा लंई।
बौ उनसै बोलो, “पके खेत तौ भौत हैं, पर मजदूर थोड़े हैं, इसताँई फसल के मालिक सै बिनती करौ कै बौ अपने खेत मै फसल काटनै के ताँई मजदूरौ कै भेजै।
और जौ सबई कुछ मैं अच्छी खबर के ताँई कर रओ हौं, जिस्सै कै जाके आसीस मै मेरो बी कुछ हिस्सा हो।
जो बात मैं कैरओ हौं बामै धियान दो। परभु तुमकै इन सिगरी बातौं के ताँई अकल देगो।
तुमकै सबर रखनै की जरूरत है जिस्सै कै तुम परमेसर की इच्छा कै पूरो कर सकौ और बा बादे कै तुम पा सकौ जो परमेसर नै करर खाओ है।
बेरमबेर बरसे भए बरखा के पानी कै जो खेत पीकै किसान कै अच्छी फसल देवै है, बा खेत कै परमेसर आसीस देवै है।