उनसै कैऔ कै खानदान की बातौं और बेकार की मन सै बनाई भई कस्ताऔ मै धियान ना देओ, और अपनो बखत बेकार की बातौं मै ना खराब करौ, जो लड़ाई कै बढ़ाबो देवै हैं। इन बातौं सै परमेसर के बा बचन को गियान ना मिलै है, जो बिसवास मै टिको है।
उनकै इन बातौं की याद दिब्बातो रैहईए और परमेसर के सामने चितौनी देईए कै छोटी छोटी बातौं मै बैहैस बाजी कन्नै सै कोई फाएदा ना है, पर जो इनकै सुनै है, बे बी नास हो जावै हैं।