ऐंसो कौन आदमी है जो अपनोई खरचा करकै सैना की सेवा करै? और ऐंसो कौन होगो जो अंगूर को बगीचा लगाकै बी बाको फल ना खाऐ? और ऐंसो कौन है जो अपनी भेड़ौ की देखरेख करै, पर बाको दूद ना पिऐ?
कैसेकै अगुबा कै परमेसर को काम सौंपो गओ है, इस बजै सै उसकै निरदोस होनो चँईऐ, ना हटी, ना घुस्सा कन्नै बारो, ना पियक्कड़, ना मारपीट कन्नै बारो, और ना नीच कमाई को लालची हो,
धियान सै रैहईओ ऐंसो ना होए कै कोई बी परमेसर की किरपा सै छुट जाय, और कोई करई जड़ फटकै तुमरे ताँई मुसीबत लाय और जिसकी बजै सै भौस्से लोग अपबित्तर हो जावै हैं।