याकूब 4:1 - राना थारु नयाँ नियम1 तुमर बीचमे लडाइ और झगडा कहाँसे आत हएं? का बेहीं खराब इच्छासे आत हएं, जो तुमर भितर लणत हएं? Faic an caibideilपरमेस्वर को सच्चो वचन1 तुम्मैं लड़ाई और झगड़ा कहाँ से आथैं? का बे सुख विलासन से नाय जो तुमरे आँगन मैं लड़थै-भिड़थै? Faic an caibideil |
काहेकी बे चीज जो हमर शारीरिक इच्छा करन चाँहत हए, बे बेहीं चीज हएं, जो पबित्र आत्मा नाए चाँहत हएं, कि हम करएं। और अइसियए, पबित्र आत्मा हमसे बहे काम करबान चाँहत हए, जो हमर शारीरिक इच्छा नाए चाँहत हए, कि हम करएं, और जे दुनौ शक्ति लगातार एक-दुस्रेसे लणत रहात हएं; जहेमारे बे हरदम बो अच्छो काम नाए करपात हएं, जो तुम करन चाँहत हओ।
काहेकी हम फिर पहिले समयमे मुरख, परमेश्वरको आज्ञापालन नाए करन बारे, और आदमीनसे धोखा खाएभए हएं, और हम हर मेलके खराब काम करनके नाए छोडपात रहएं, जौनके हम करन चाँहत रहएं। अइसे करके हमके आनन्द मिलत रहए। और हम अपने समय खराब तरिकासे ब्यबहार करनमे और दुस्रे आदमीनसे डहा करनमे बितात रहएं। और हम घृणित आदमी रहएं; हर कोइ आदमी हमसे घृणा करत रहए, और हम बोसे घृणा करत रहएं।