प्रकाश 1:18 - दङ्गौरा थारू18 जिटीह रहुइया मैहे हुइटुँ। मै मुवल रनहुँ, तर आब सड्डभरिक लाग जीवित होरनु, मृत्यु ओ पातालक साँचा म्वार हाँठम बा। Faic an caibideilदेउखरिया थारु18 और मै वहे हुइतुँ, जे जीवन देहत। मै एकचो मुगिल रहुँ। पर आब मै जित्ती बतुँ, और मै सदादिनके लग जित्ती पलिरहम! और मोरिक थेन मृत्युक उप्पर अधिकार बा। और मोरिक थेन उ चाभी बा, जे महिन्हे उ ठाउँहे खोल्ना शक्ति देहत, जहाँ मुअल मनै बताँ। और ओइन्हे फेनदोस्रे जित्ती करैना फेन शक्ति देहत। Faic an caibideil |