एफिसी 4:2 - दङ्गौरा थारू2 सड्डभर नम्र, स्वाझ मनक ओ सहनशील होओ। एक-औरजहन सह्क प्रेम देखाओ। Faic an caibideilदेउखरिया थारु2 अर्थात सारा दीनता और नम्रतासे, और धिरजतासे और तुहुरिन्मे रहल प्रेमके कारण तुहुरे एकदोसर जहनके व्यवहारहे सहलेऊ। Faic an caibideil |