प्रकाशितवाक्य 9:4 - सिरमौरी नौवाँ नियम4-5 जैशै कोसी खै बिच्छू कै डंक मारणौ शै दर्द हौंव, तैशैखैई इनु चिचलै खै पाँच मीनै तौड़ी तिनु लोगौ खै तड़पाणौ कै रजामंदी दैय राए थै, जिनकै माथै पांदी पौरमेशवर कै मोहर का निशान ना थी। पौरौ तिनु ना तौ धोरती कै घास खै, ना कोसी पौधे खै, औरौ ना ही कोसी डाल़ो खै नुकसान पोऊंचाणा थिया। Faic an caibideilSirmouri4 तिनखे बुलो गुवो थियो, के ना धर्ती की घास, ना किऐ हरियाल़ी, ना कोसी डाल़ो का नुकसाँन करे, सिर्फ तिनू आदमी का नुकसाँन करे, जिनकी माँथे गाशी पंण्मिश्वर की छाप ने आथी। Faic an caibideil |
इथकै बाद, मोऐं चार स्वर्गदूतौ कै दुनिया कै चोऊ कुणै दै खौड़ै हौएयौंदै दैखै। तिनु स्वर्गदूतौ खै दुनिया कै मुसीबतौ शै नुकसान पोऊंचाणौ का पौरमेशवर कै ढौबौशा औधिकार भैटी रौआ थिया, चाहै सै समुन्द्र दी हौं या माटी पांदी। तिनुऐ दुनिया कै चोऊ कुणै शै बागूर कै रौक दै, ताकि समुन्द्र दै, औरौ माटी पांदी औरौ जोंगलो दै बागूर ना बौं। मोऐं ऐक ओका स्वर्गदूत कै पूर्व दिशा दा प्रकट हौंदै बैई दैखा। तैसीकैईं जियुंदी पौरमेशवर कै मोहर थी। तैसी स्वर्गदूतै जोराल़े धाव मारैयौ तिनु चोऊ स्वर्गदूतौ खै बौइदै औरौ बौल़ौ: