प्रकाशितवाक्य 7:1 - सिरमौरी नौवाँ नियम1-2 इथकै बाद, मोऐं चार स्वर्गदूतौ कै दुनिया कै चोऊ कुणै दै खौड़ै हौएयौंदै दैखै। तिनु स्वर्गदूतौ खै दुनिया कै मुसीबतौ शै नुकसान पोऊंचाणौ का पौरमेशवर कै ढौबौशा औधिकार भैटी रौआ थिया, चाहै सै समुन्द्र दी हौं या माटी पांदी। तिनुऐ दुनिया कै चोऊ कुणै शै बागूर कै रौक दै, ताकि समुन्द्र दै, औरौ माटी पांदी औरौ जोंगलो दै बागूर ना बौं। मोऐं ऐक ओका स्वर्गदूत कै पूर्व दिशा दा प्रकट हौंदै बैई दैखा। तैसीकैईं जियुंदी पौरमेशवर कै मोहर थी। तैसी स्वर्गदूतै जोराल़े धाव मारैयौ तिनु चोऊ स्वर्गदूतौ खै बौइदै औरौ बौल़ौ: Faic an caibideilSirmouri1 ईन्दें पाछी मुँऐ धर्ती के चौऊँ कुँणे गाशी, चार स्वर्गदूत्त खड़े देखे। तिन्ऐं चौऊँ ढबे की बागुर थाँम्बड़ी थऐ थी, जू कैथी धर्ती दी, ना संमुन्द्रो दी, अरह् ना, कोसी डाल़ौ दी बागुर लागो। Faic an caibideil |