प्रकाशितवाक्य 6:2 - सिरमौरी नौवाँ नियम2 तोबै तिथै मैरै चिटै रंग का घोड़ा दैखिया, औरौ तैसका शवार धनुष लेईयौंदा औसौ: औरौ तैसी ऐक मुकुट दैय गौआ, औरौ सै स्वर्ग शै बायरै धोरती पांदी हौटै गौआ, तैसकै जैशणै जू आगै शै ही जय पाए राए, औरौ औटेयौ शै विजैई हौंदा। Faic an caibideilSirmouri2 तबे मुँऐ झ़ैठ पाऐ, अरह् देखो, के ऐक चींटा घोड़ा असो, अरह् तेसी घोड़े के अशवारे धणुष थागी थो थियो; अरह् तैस्खे ऐक मुँकुट-ताज दियों गुवो, अरह् से जयकारा कर्दे नींक्ल़ा, के हजो भे जींत्त भेटो। Faic an caibideil |
सैजै लोग जू तांव पांदी बिशवाश ना कौरौ सै तैरै खिलाफ औसौ, जिथुकै ऐबै सैजा सौमय आए गौआ कै तैरा गुस्सा तिनु पांदी आंव, औरौ सैजा सौमय कै तू मौरेयौंदे का न्याय कौर, ऐबै सैजा सौमय बै औसौ जौल़ौ तू तिनु पौरमेशवर कै बातौ बौताणौवाल़ै खै इनाम दैंदा जू तैरी सेवा कौरौ, औरौ तिनु सौबी लोगौ खै जू तैरा डौर मानौ, सैजै जू खास मानै जांव औरौ जू खास ना मानै जांदै, जोबै कै तैसी सौमय तू तिनुखै नाश कौरे दैंदा, जिनुवै धोरती पांदी विनाश कौरे राए।”
औरौ मोऐं किछै दैखौ जिथकै चौड़ाए समुन्द्र कै जैशणै थी, ऐजै आग मिलेयौंदे शीशै कै जैशणै दैखियौं थै। औरौ तैसी समुन्द्र कै किनारे पांदी जू शीशै कै जैशणा थिया, मोऐं बौहितै लोगौ कै खौड़ै हौएयौंदै दैखै। सै सैजै लोग थिए जिनुवै तिथु राकस कै हराए राए थियु, जिथुकै तिनुऐ तिथकै पूजा कौरणौ शै मौना कौरे दियु थियु, तिनुऐ तिथकै मूर्ती कै पूजा कौरणौ शै औरौ तैसी नम्बर का निशान छपवाणौ शै मौना कौरे दियु थियु जिथका मतलब तिथकौ नांव औसौ। सैजै हौराणौ वाल़ै तैसी समुन्द्र कै किनारे खौड़ै थिए, तिनुऐ तिनु तारवाल़ै गाजै-बाजै कै पाकड़ै राए थिए जू तिनु पौरमेशवर कै ढौबौशै दैय राए थिए।