प्रकाशितवाक्य 21:4 - सिरमौरी नौवाँ नियम4 औरौ पौरमेशवर तिनकै आखी पौरैशै सौब आशु घोशै दैंदा; औरौ कुणिए बै आदमी कौलोंई बै दुख महसूस ना कौरदा या रुंदा या दर्द कै महसूस ना कौरदा औरौ ना ही मौत रौंदै, जिथुकै पुराणै दुनिया कै सौबै चीज़ौ गायब हौए गोई।” Faic an caibideilSirmouri4 से तिनकी आँखी शे बादे आशुओं आगू घुष्दा; तिन्दे पाछी ना तअ मंऊँत्त रह्दीं, अरह् ना शोग, बिलाप, ना दु:ख, किन्देंखे के पुराँणीं बातो बीती गंई।” Faic an caibideil |
पौरौ मसीह पाका पाछु आन्दा। सै एकदम ही पाछु आए जांदा, जैशैकै कुणिए चोर एकदम ही आए जांव। तैसी सौमय गौयणै दा गुड़कौ का शाद हौंदा, औरौ गौयण छिपै जांदै। गौयणै दौ सौबै ठुँ, यानी सुरज, चांद औरौ तारै पूरी तरह शै जौल़ै जांदै। तैसी दूसै पौरमेशवर तिनु सौबी कामौ खै प्रगट कौरे दैन्दा जू लोगै कौरे राए ताकि तिनका न्याय कौरे सौकौ।
सैजै सौब लोग जिनकै नांव जीवन कै किताब दो ना लैख राए थै, तिनु आग कै झील दै बैगाए दियै। इथकै बाद, ऐबै मौत ना आथी, ऐबै मौरेयौंदे का कुणजाई ठाँव ना आथी, जिथुकै सैजै सौब लोग जिनकै नांव जीवन कै किताब दै ना लैखै रैई थिए तिनु आग कै झील दै बैगाए दियै। इथुकै ही औकै मौत बौल़ै जांव, औरौ आग कै झील कै सौजा कै मौत बौल़ै जांव।