प्रकाशितवाक्य 2:3 - सिरमौरी नौवाँ नियम3 तुऐं सब्र शै दुख खै सैहन कौरे जिथुकै तू मुं पांदी बिशवाश कौरे औरौ तोबै बै मुं पांदी तैरा बिशवाश मोजबूत औसौ। Faic an caibideilSirmouri3 तुऐं धीरज-सबेर थुऐ, अरह् मेरे नाँव खे दु:ख्ह भोग्दे-भोग्दे तुँऐं खड़िन्दें ने आथी। Faic an caibideil |
औरौ तुऔं ना सिरफ ऐजौ जाणणौ चैंई कै सौमझदारी शै कैशै बर्ताव कौरणा, पौरौ तुऔं आपी खै बै तिनु बुरै कामौ खै ना कौरौ जू तुऐं कौरणा चांव औरौ तुऔं ना सिरफ आपी खै काबू दै राखणै चैंई, पौरौ तुऔं मुसीबत दै बै सब्र राखणा चैंई औरौ तुऔं ना सिरफ सब्र राखणा चैंई, पौरौ तुऔं ऐशणै तरीकै शै बै जीणु चैंई जू पौरमेशवर खै खुश कौरौ।