प्रकाशितवाक्य 16:1 - सिरमौरी नौवाँ नियम1 तिथकै बाद मोऐं मन्दिर पौरैशै ऐक जोरो कै आवाज़ खै स्वर्गदूतौ शै ऐजौ बौलदै शौणै, “जा धोरती कै लोगौ पांदी पौरमेशवर कै ढौबौशै सौजा खै रिताए दै जू तिनु सात डौंगै दै औसौ।” Faic an caibideilSirmouri1 तबे मुँऐ देऊँठी मुँझ्शी ऐक जुराल़ी धाव तिनू सात्त स्वर्गदूत्तों का स्वागत्त् कर्दे शुणाँई दिता: ज़ाओ! पंण्मिश्वर के रोष के सात्ते बैलुऐ धर्ती गाशी पेरी दियों। Faic an caibideil |
तोबै ऐक ओका स्वर्गदूत जू कै छौठा स्वर्गदूत औसौ जू बैदी पांदी आग शै धूप जौल़ाणौ कै जुमैवारै निभांव। औरौ ऐजी बैदी तैसी मंदिर कै नेड़िक औसौ जू स्वर्ग दै औसौ ऐजा छौठा स्वर्गदूत तिथैदा बायरै ओऊवा। तैणै चिलायौ तैसी स्वर्गदूत शै जैसकैंई चौखै दरांती औसौ बौल़ौ, “धोरती पांदी अंगूरो कै झुमकै पाकै रौवै! तिनु आपणी तैज धार वाल़ी दरांती शै काटै पा।”