प्रकाशितवाक्य 15:1 - सिरमौरी नौवाँ नियम1 जोबै सैजौ खत्म हौए गौ, तौ मोऐं गौयण दा ऐक ओका निशान दैखा जू कै बैजाए अनौखा औरौ बैजाए डौरावणा थिया। तिथै सात स्वर्गदूत थिए जू सात जौई-जौई तरह कै समस्याए नियौंदे थिए। सैजी समस्याए आखरी औसौ जिथुकै जोबै सै खत्म हौए जांदी तोबै पौरमेशवर का गुस्सा खत्म हौए जांदा। Faic an caibideilSirmouri1 तबे मुँऐ स्वर्गो दे ऐक हजो बड़ी नंखी चींन-निशाँणी देखी, मतल्व सात्त स्वर्गदूत्त जिन कैई सात्त आखरी बिब्त्ति थी, किन्देंखे के तिनके खत्त्म हंणों गाशी पंण्मिश्वर के रोष खत्त्म हंदा थिया। Faic an caibideil |
तोबै स्वर्गदूतै तिनु अंगूरो खै काटै दियै जू धोरती पांदी थिए औरौ तिनु कौठै कौरे। तैणै अंगूरो खै ऐक बौड़ै रसकुण्डों दै फेरकाए दियै। इथका मतलब ऐजा औसौ कै पौरमेशवर खतरनाक सौजा दैंदा। अंगूरो खै शहर कै बायरै पिलकाए गौवै। तिथै जिथपांदी अंगूरो खै पिलकाए राए थिए, सै तैतरो डुंगु थियु, जैतरो कै घोड़े कै मुंड कै ऊंचाई हौंव जौल़ौ तैसी लगाम शै पाकड़ै जांव। औरौ लोऊ तीन सौ किलोमीटर तौड़ी बौए गौ।
पौरौ बाकी कै लोग जू तिनु पौरैशानी शै आगै नी मौरे रैई थी, तिनुऐ ऐबै बै आपणै बुरै कामौ शै पाप कौरणै ना छुड़ी। हत्या कौरणै, बाण बौणाटा, गौलत सौमबंध औरौ चोरी कौरणै ना छुड़ी। तिनुऐ दुष्टआत्माओं औरौ आपणै हाथौ शै बौणेयौंदी चीज़ौ कै पूजा कौरणै बै ना छुड़ी, जैशैकै सूनै या चांदी या पीतलो या पाथर या लाकड़ी शै बौणेयौंदी मूर्ती। सैजी मूर्ती, ना दैख सौकौ, ना शौणै सौकौ, औरौ ना ही हांडै सौकौ।