प्रकाशितवाक्य 12:12 - सिरमौरी नौवाँ नियम12 इथकारिए तुऔं सौबी खै खुश हौणौ चैंई जू इथै स्वर्ग दै रौंव। पौरौ तुऐं जू धोरती पांदी औसौ औरौ जू समुन्द्र दै औसौ तुऔं पांदी तरस खाणा चैंई, जिथुकै दुष्टआत्माओं का अगुवा शैतान धैनै तोंवारै धोरे आए गौआ। सै सौथीखै बैजाए गुस्सा औसौ जिथुकै सै जाणौए कै तावल़ाई ही तैसका अंत हौए जांदा।” Faic an caibideilSirmouri12 ईन्देंखे हे स्वर्ग; अरह् ईन्दें रंहणों वाल़े लोग, आँनन्द-खुशी मंनाँऐयों अरह् मंगन हऐ ज़ाव! परह् फ़िट्कारा असो, ईयों धर्ती, अरह् समुँन्द्रों खे; किन्देंखे के ऐ ऐजो जाँणीं पाँव के तुवाँरा बंख्त्त हजो ठीका ही असो, किन्देंखे के शैतान तुओं तोड़ी पंह्ऊँचीं गुवा, अरह् से बैजाऐ रोषै शा भरी गुवा, किन्देंखे के तेस कैई ऐजा पता लागी गुवा, के ऐबै मेरा बंख्त्त ठींका ही असो।” Faic an caibideil |