प्रकाशितवाक्य 12:1 - सिरमौरी नौवाँ नियम1 जोबै सैजौ खत्म हौए गौ, तौ तिथै ऐक अनौखा निशान थिया जू गौयण दा दैखा जाए सौकौ थिया। जिथुकै चांद पांदी खौड़ै हौएयौंदी ऐक बैटमाणिश प्रकट हौए जियैं ऐशणै लुस्कै बाम्बै राए थिए जू सुरज कै जैशणै चौमकौ थिए। तियैं आपणै मुंडौ पांदी ऐक मुकुट लाए राए थियु जिंदै बारौ तारै थिए। Faic an caibideilSirmouri1 तबे स्वर्गो दा ऐक बड़ा चंम्त्तकार नंजारा देखाई पड़ा: ऐक तिरंऐ, सुरूजो लई मेंह्ठी रंऐ थी, अरह् तियाँरे लातो थाँई चाँद थिया, अरह् तियाँरे मुँढों गाशी बारह् तारे को मुँकुट-ताज थियों। Faic an caibideil |