प्रकाशितवाक्य 2:3 - Sirmouri3 तुऐं धीरज-सबेर थुऐ, अरह् मेरे नाँव खे दु:ख्ह भोग्दे-भोग्दे तुँऐं खड़िन्दें ने आथी। Faic an caibideilसिरमौरी नौवाँ नियम3 तुऐं सब्र शै दुख खै सैहन कौरे जिथुकै तू मुं पांदी बिशवाश कौरे औरौ तोबै बै मुं पांदी तैरा बिशवाश मोजबूत औसौ। Faic an caibideil |