20 अमाँरे परंम-पिता पंण्मिश्वर की बड़ियाऐ ज़ूगौ-ज़ूगौ दी हंदी रंह्। आमीन।
20 अमारै पिता पौरमेशवर कै महिमा जुग-जुग हौन्दै रौंव। आमीन।
अरह् जुण्जी मुँऐं अज्ञाँ देऐ थई, सेजी बादी बातो तिन कैई शी माँनणीं शिखाव: अरह् दे:खो, हाँव संईसारी की अंन्त्त तोड़ी सदा तुँवारी गईलो असो।”
“तुँऐं प्रार्थना ऐशी दाँई करह्: ‘हे अमाँरें पिता’ तू जू स्वर्गो दा असो; तेरा नाँव पबित्र माँना ज़ाँव।
किन्देंखे के तिनकी ही ढबे शे, अरह् तीनी ही के जाँणें, अरह् तीनी हीं खे ही सब-कुछ असो। तिनकी बड़ियाऐ ज़ूगौ-ज़ूगौ दी हंदी रंह्: आमीन!
तेसी ही सिर्फ ऐक बुद्धीमाँन पंणमिश्वर की यीशू मसीया के जाँणें; ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी बड़ियाऐं हंदी रंह्। आमीन।
कलीसिया दे अरह् मसीया यीशू दे तिनकी बड़ियाऐ पीड़ी शे पीड़ी तोड़ी ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी हंदी रंह्। आमीन!
प्रभू यीशू मसीया के कृपा लऐयों, तुँऐं प्रभू के नंजर दे बैजाऐ आच्छ़ै काँम-काज़ करह्, जिन्दें लंई पंण्मिश्वर के बड़ियाऐ हों, अरह् तिनकी संत्तुति हों।
अमाँरे प्रभू यीशू मसीया के कृपा तुँवारी आत्त्मा आरी सदा रंह्।
ऐबे सदा का राजा मतल्व अ-बिनाषी, अनाँथों: खे, सिर्फ ऐक पंण्मिश्वर का आदर अरह् बड़ियाऐ ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी हंदी रंह्। आमीन।
तैसी सिर्फ ऐक ही पंण्मिश्वर अमाँरे मुँक्त्ति देणों वाल़े, के बड़ियाऐं, अरह् महाँन्ता, पराक्रम, अरह् हंक-अधिकार, अमाँरे प्रभू यीशू मसीया के जाँणें हंमेशा शे असो, से ऐबे भे असो, अरह् ज़ूगौ-ज़ूगौ तड़ी रंह्। आमीन।
अरह् आँमों आप्णी राज्य के परजा, अरह् आप्णे पिता-पंण्मिश्वर के याजक भे बंणाऐं दिते; तिनकी ही बड़ियाऐं अरह् तिनकी शँक्त्ति ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी बंणीं अंदी रंह्। आमीन।
तबे तेख्णी तियों ही घड़ी ऐक बड़ो भूईच्ल़ लागो, अरह् नंगर का दषंवाँ हिस्सा ढल़ी गुवा; अरह् तेसी भूईच्ल़ों लई, सात्त हजार आदमी मँरी गुऐ, अरह् ऊके डरी गुऐ, अरह् स्वर्गो के पंण्मिश्वर की बड़ियाऐं करी।
तेने स्वर्गदूत्ते धाव देऐयों बुलो, “पंण्मिश्वर शे डरोह्, अरह् तिनकी बड़ियाऐ आरार्धना करह् किन्देंखे के तिनके नियाँव कर्णो का बख्त आऐ पईचा, अरह् तिनका भजन करह्, जिन्ऐं स्वर्ग अरह् धर्ती अरह् समुँन्द्र अरह् जल-पाँणी के फट्वाणी बंणाऐं थुऐ।”
सेजे स्वर्गदूत्त जुराल़ों ऐजो गीत्त गाँदें रूऐ: “सेजा छ़ैल़्टा, जेसी कुरबाँण करा गुवा, पराकर्म, बोलबाला, ज्ञान, शक्त्ति, आदर, बड़ियाऐ, स्त्तुति का हंक-अधिकार असो।”
“आमीन! अमाँरें पंण्मिश्वर के स्तुति अरह् बड़ियाऐं अरह् ज्ञाँन अरह् धन्यबाद अरह् आदर अरह् पराकर्म अरह् शक्त्ति ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी बंणी रंह्। आमीन!”