फिलिप्पियों 1:20 - Sirmouri20 हाँव तअ दिल शो चहाऊँ, अरह् भूर्षा थऊँ; के हाँव कोसी बातो दा शर्मिन्दा ने होंऊ, परह् जेष्णी मेरी बड़ी हिमम्त्त के जाँणें मसीया के बड़ियाऐ मेरी देह्-शरीर के जाँणें सदा हंदी रंह्, तैष्णी ही ऐबे बे हंदी रंह्, हाँव जीऊदा रंऊँ भाँव मँरी ज़ाऊँ। Faic an caibideilसिरमौरी नौवाँ नियम20 मैरै दिल कै इछा औरौ आशा ऐजै औसौ, कै हांव कियौंई बै बातौ दा शर्मिंदा ना होऊं, पौरौ मुखै मसीह कै बारै मुंजी बौलणौ खै हिम्मत भैटौ जैशैकै मोऐं बीतैयौंदे सौमय दौ कौरे राए थियु। चाहै हांव जियुंदी रोऊं या मौरे जोऊं हांव आपणै पूरै जिन्दगी कै दवारा मसीह का आदर कौरदा रौंदा। Faic an caibideil |
मेरी नंजरी दे, मेरे जीवन-प्राँण के किऐ भे मोंल-किमम्त्त ने आथी; मेरे आप्णी जीयाँन-प्राँण प्यारे आथी ने: हाँव सिर्फ आप्णीं सेजी दोऊँड़ खह्त्तंम कर्णी चहाँऊ; अरह् सेजी सेंवा पुरी कर्णी चहाँऊ; जुण्जी प्रभू यीशू ऐं मुँह्खें देऐ थंऐ, मतल्व हाँव पंण्मिश्वर के कृपा की खुषख्बरी की गुवाऐ-शाज़्त्त देंदा रंह्ऊँ;
हाँव तुँआरी देह्-शरीर की कंमजूरी के जाँणें आदमी के हिसाब शो बुलू, के जेष्णें तुँऐं आप्णे अंग-पराँण कू-कर्म खे गाँन्दें अरह् कुकर्म के दास बंणाँऐयों दिते थिऐ, तेष्णें ही ऐबे आप्णे अंग-पराँण पंणमिश्वर की नंजरी दें सही माँन्णों ज़ूगै काँम-काज़ कर्णो खे आछे करियों देऐ तियों, तिन्दें लई तुँऐं पबित्र हंऐ ज़ाँव।