(हाँव ईथे ऐक अनाँणों लिख्णों चहाँऊ, के आदमी के बैटे के आँवणीं केष्णी हंदे) ऐक आदमी थिया, से ओकी देशो प्रदेश खे ज़ादा लागा थिया, तबे तिन्ऐ जाँदी बई आप्णो घर छुड़ी दितो, अरह् तेथू तिन्ऐ आप्णें दास के अधीन करी दिता: अरह् ऐकी नाँम खे तेस्की टअल संम्झाऐ दिती, अरह् देऊँल़ी के जगवाल़े खे बीऊँजी रंहणों के अज्ञाँ दिती।