1 तीमुथियुस 6:5 - Sirmouri5 अरह् तिनू आदमी मुझी बै-कार के रगड़े-झगड़े पय्दा हों, जिनकी बुद्धी भ्रष्ट हऐ रंऐ, अरह् से सच्चाई शे अजाण्दे असो; ऐष्णें लोग ऐशो जाँणों के पंण्मिश्वर के सेवा, भगति धंनकंमाणों का ऐक जरिया असो, Faic an caibideilसिरमौरी नौवाँ नियम5 ऐशणै लोगौ कै बीच मुंजी झोगड़े पौयदा हौं, जिनकै बुध्दि खत्म हौए गौए औरौ सै सौचाई खै ना सौमझै पांव, औरौ सै सुंचौए कै पौरमेशवर कै सेवा कौरणै अमीर हौणौ का तरीका औसौ। Faic an caibideil |