1 तीमुथियुस 3:2 - Sirmouri2 परह् ईन्देंखे ऐजो जरूरी असो, के अधिकारी ऐक नीर-दोष, ऐक ही घरवाल़ी का माँलक, होष-हाष वाल़ा, आच्छे बीचार वाल़ा, ईज्जत्तदार, अरह् पाँऊणें का आदर-संत्तकार कर्णों वाल़ा; अरह् शिखाँणों वाल़ संम्झ़दार हों; Faic an caibideilसिरमौरी नौवाँ नियम2 इथकारिए, ऐजै बात खास औसौ कै अगुवे दै ऐजै गुण हौणै चैंई: तैसीदा कुणजैई दोष ना हौंव, औरौ तैसीकै ऐकैई घोरवाल़ी हौणै चैंई, औरौ शान्त बर्ताव कौरणौवाल़ौ हौणौ चैंई, सै जू किछै बै कौरौ तिनु आपी पांदी काबू राखणौवाल़ै हौणौ चैंई, औरौ लोगौ कै दवारा आदर कौरणौवाल़ा हौणौ चैंई, औरौ तैसी आपणै घोरे पोऊंणै कै इज्जत कौरणौवाल़ा हौणौ चैंई औरौ तैसी पौरमेशवर कै वचन कै आछै शै शिखाणौ कै लायक हौणौ चैंई। Faic an caibideil |
अरह् जिऐं आप्णें भले काँम-काज़ लंई आपु खे नाँव कंमाँऐ थुवा हला, जिंऐ आप्णें नहाँन्ड़िया का आच्छ़ा पालना-पोष्ण करी थुवा हला; अरह् जिऐ पाँऊँणें-पंई का आच्छ़ा आदर-संत्तकार करी थुवा हला, अरह् जिऐं पबित्र लोगो के लात्त धोऐ थुऐ हंले; अरह् कोसी दींन, दु:खिया की मंद्दत्त करी थंऐ हली, अरह् जुण्जी सोभी आच्छ़ै काँम-काज़ दी मंगन रंह् हले।