6 ईनू बातो छुड़ियों कैतोड़े लोग बकबाद की ढबे भट्की गुऐ,
6 गौलत शिक्षा दैणैवाल़ै इनु सौबी चीज़ौ कै कौरणी बन्द कौरे दी, औरौ सिरफ बेतुकी बातौ कै बारै मुंजी बातौ कौरी।
“तुँऐं का सुचो? जे कोसी आदमी के षौ भैड़ हों, अरह् तिन मुझ़शी ऐक पाऐ भट्की ज़ाँव, तअ कियो से तिनू निन्याँणूवें भैंड़ो छुड़ियों, हजो धार-पाह्ड़ी गाशी ज़ाऐयों, तियों पाई-भट्की अंदी भैंड़ जूह्दा ज़ाँदी ने?”
मुँऐं ईन्देंखे बुली लो, के कंऐयों बिध्वा तअ भट्कियों शैतान पाछी चाली रंई।
किन्देखे के सेजे भाऐ ऐजो बुल्दे-बुल्दे के दुज़ाल़िऐ पाछ़ू ऊबो जीऊँणों तअ कंद्दी हंऐ रूओं; अरह् से सच्चाई शे भट्की गुऐ; अरह् पताने तिन्ऐं कैतोड़े का बिश्वाष ऊल़्टा-पुल़्टा करी दिता।
किन्देंखे के भाई-देमास ऐ तअ ईयों संईसारी प्यारी जाँणियों मुँह छुड़ी दिता, अरह् थिस्सलुनीकियों नंगर खे हुटी गुवा, अरह् भाऐ-क्रेसकेंस गलातियों नंगर के ढंबै हुटा, अरह् संत्त-तीतुस दलमतिया ईलाके खे हुटा।
किन्देंखे के बैजाऐ लोग निकारे, बकबादी, अरह् धोखा देणों वाल़े असो; खास करियों यहूदी लोग खतना वाल़े मुँझ शे हों।
परह् मुरूख्ता के बाद-विबाद, अरह् पीढ़ियों, अरह् बिरूध अरह् झगड़े जू ऋषी-मूसा खे भेटे गुऐ अज्ञाँ-निय्म के मुँताबिक असो, तिन्दे शा तू बंचियों रूऐ; किन्देंखे के तिन्देका किऐ फल़ ने आथी, से बै-कार असो।