तुऐं आप्णें बाबा शैतान के असो, अरह् तुऐं आप्णें बाबा के हिछ़या पुरी कर्णी चहाँव; से शुरू शा ही ऊँबा हत्त्यारा असो। अरह् से सच्चाई का हिस्सा कंद्दी ने बंणीं, किन्देंखे के तेस्दी सच्चाऐ ने आथी; किन्देंखे के जबे भे से झुठो बुलो, तअ से आप्णें ही सभाव के कारण बुलो; किन्देंखे के से झुठा, अरह् झुठे का बाबा असो।