12 “आमीन। हमार परमेश्वर, हम हमेशा तेरि महिमा करनू, तैंस धन्यबाद और आदर दीनू! हम माननू कि तै पुरी रीति ले ज्ञानवान छै, और शक्तिशाली छै, जो हमेशा खिन सब कामून करून में योग्य छै। आमीन।”
मान ली आम आदिमी तुमेरि अराधना में छै, जब तुम अपूनी आत्मा ले परमेश्वरै की स्तुति करून मरेछा, अगर उ तुमेरि बातुन नै समझनो, त तुमोरो परमेश्वर स धन्यबाद दीना का बाद, ऊस कसीकैं पत्तो चलोलो कि आमीन कब कौलो जैक बारिमें तैले क्योछ? जाणला कि “आमीन” कब कुंन छै?
किलैकी सब दुख जो हमूनले तुमून खिन सहन कर्यान, ताकि परमेश्वरा का अनुग्रह का द्वारा ज्यादा है ज्यादा लोग मसीह में विश्वास करून, और परमेश्वर की महिमा खिन धन्यवाद और स्तुति करून।
जसकैं एक रूख जमीन में जड़ पकड़छो और एक घर नींव में मजबूत रूछो उसीकैं तुम अपून विश्वास में मजबूत हुनै जा, और लगातार उमें बढ़नै जा, जसो तुमून सिखा रैछ और ज्याद है ज्यादा धन्यवाद करनै रौ।
मैं एक बार मर गैछ्यू। लेकिन अब मैं ज्यूनो छूँ और मैं हमेशा ज्यूनो रूलो। म्यारा पास उ चाँबी छन जो मैंस उ जाग स खोलना की ताकत दीछी जाँ मरिनाका लोग छन और उनून दुबारा है ज्यूना करना की ताकत छै।