जो आदिमी वाँ बैठिना को छ्यो उ एक चमकदार यशब माणी का जैवरको को जसो और चमकदार लाल माणिक्य की नियाती चमकून मरैछ्यो। सिंहासन का चारू तरफ एक मेंघधनुष छ्यो जो चमकीला हरिया पन्ना की नियाती चमकून मरैछ्यो
जो सिंहासन में बैठिना को छै, उई छै जो हमेशा-हमेशा खिन ज्यूना छै। उ ज्यूनो प्राणी ऊस महिमा और आदर और धन्यवाद दीनान। त चौबीस प्राचीन उनार सामुनि खिती जानान और उकी अराधना करनान। उन यो कैभेरन अपूनो-अपूनी मुकुट खोलभेरन सिंहासन का सामुनि डाल दीनान,
फिर मैंले स्वर्ग में, और धरती में, और धरतीका तलि, और समुद्र की सब बनाईना की चीजून, और सब कुछ जो उनूनमें छै, यो कुन सुणछ्य, “आ हम उकी महिमा करा जो सिंहासन में बैठिना को छै। आ हम मेम्ना की महिमा करा। आ हम हमेशा खिन उको आदर करा और ऊस सम्मान दी, किलैकी उ सबून है ज्यादा शक्तिशाली छै।”
फिर मैंले देखछ्य कि मेम्ना ले उन सात मुहरून में भटे एक स खोलछ्य; और मैंले चार ज्यून प्राणिन में भटे एक स ध्यदूनै सुणछै। उकी आवाज गर्जन की नियाती तेज छी। उले क्योछ,“अब जा, अघिल बढ़।”
और पहाड़ून, और काठान थैं कुंन लाग्यान, “हमून में खिती जा और हमून उ है लुका ली; ताकि उ जो सिंहासन में बैठिना को छै, हमून देख नै सको और मेम्ना का दण्ड भटे बच सका।”