1 उक बाद फिर मैंले मन्दिर में भटे एक तेज आवाज में उन सात स्वर्गदूतून थैं यो कुन सुणछ्य, “जा, संसारा का लोगून में परमेश्वरा का तरफ भटे दण्ड स खड़िया दी जो उन सात कटोरान में छै।”
और परमेश्वरो को जो मन्दिर स्वर्ग में छै, उ खोलि ग्योछ, और उक मन्दिर में वाचा को सन्दूक दिखाई दीछ; और उई बखत चाल चमकछ्य और गर्जन और भूचाल हुन मरैछ्या, और आकाश भटे ठूल-ठूलो मारो पड़छ्य।
तभै मैंले एक आजि चौथ स्वर्गदूत स देखछ्य, जो परमेश्वरो को संदेश लीभेरन मन्दिर में भटे भ्यार आछ। उले बादल में बैठिनाका आदिमी जोर-जोरले धध्याभेरन क्योछ, “संसार में फसल तैय्यार छै, और फसल काटना को बखत आग्योछ। येक कारण अब अपूनी आँसी चलो, और फसल स काट।”
तभै मैंले एक आजि छयूं स्वर्गदूत स देखछ्य जो, जो वेदी में आगा ले धूप जलूना को जिमेदारी निभूछो। उले जोर-जोरले चिल्ला भेरन उ स्वर्गदूत थैं जैका पास धारदार आँसी छी उ क्योछ, “धरती में अंगूरा का गुच्छा पाक ग्यान! उनून अपून आँसी ले काट ले।”
येक बाद फिर मैंले स्वर्ग में एक और अलग चिन देखछ्य जो कि भौत अद्धभुत और भौत डरूनो वालो छ्यो। वाँ सात स्वर्गदूत छ्या जो सात अलग-अलग तरीका का बिपत्ति लीईना का छ्या। उन आखिरी बिपत्ति छन, क्याखिनकि जब उन खत्म हो ज्याला तब परमेश्वरोको गुस्सा खत्म हो जालो।
सतूँ स्वर्गदूत ले, जो ले उ कटोर में छ्यो ऊस हवा में खड़िया दीछ। और मैंले, स्वर्ग का मन्दिर का भितर भटे परमेश्वरा का सिंहासन में भटे कैसे जोरले यो कुंन सुणछ्य, “पुरो हो ग्यो!”