10 मैंले उ नानि किताब ली लीछ जो स्वर्गदूत ले पकड़िना की छी और ऊस खा लीछ, और सच्ची में उको स्वाद मौ जसो मिठो छ्यो, लेकिन जब मैंले ऊस निगलछ्य, त मेरो पेट कड़वाट ले दुखून लागछै।
तब मैंथै यो कईग्यो, “तैंस अलग-अलग समूह और देशा का लोगून, अलग-अलग भाषा बोलून वाला लोगून और राजान एक बार फिर है बतून होलो, जो परमेश्वर तैंस बतून खिन कुंछो।”
और मैंले स्वर्गदूतका पास जाभेरन क्योछ, “यो नानि किताब मैंस दे।” और उले मैंथै क्योछ, “ले, येस खा ले; येको स्वाद मौ जसो मिठो छै, लेकिन बाद में येको कड़वाट ले तेरो पेट तखलीफ द्योलो।”