12 पेहली बुखता मुक गई; हेरे! अब दुई बुखता होरी एणे बाड़ी असी।
दोकी बुखता मुक गई। हेरे! टेकी बुखता झठ एणे बाड़ी असी।
जपल मेईं फि दुबारी हेरु, त अम्बरे बुचो बुच यक पैठु उडरता काआ त जोरी जोई ईं बोते शुणा, “ए मेईंया! जेन्हि टाई स्वर्गेदूती होता रेशमि फुक देण बाकी असी, तेन्के अवाजे बेलि धरती पुठ बिशणे बाड़ी के खेया खाट भोई घेन्ता।”