4 पर आं, तुं अठि सतसंग अन्तर केहि ईं मेह्णु असे, जेन्हि अपु अपु झिणे बुराई जोई जुठे नेईं किओ। से हच्छे झिणे लाई कइ मोउं जोई हंटते, किस कि से इस जोग असे।
ए से भिन्थ, जे परमेश्वरे सेवा करण जे अपु अपफ शुचा रखे, जीं से कुवांरे जे सोब बुराई केआं अपफ शुचा रखते। ए सेईंए भो, जे जेठि कोठि किएऊ घेन्तु, से तसे पता पता घेई घेन्ते। ए त परमेश्वरे त किएऊ पेहले फल भुणे लिए मेह्णु अन्तरा मुले खरीदो असे।
तढ़िया पता मेईं नजर घुमाई त हेरु, हर यक देश, जाति, ऊड़ी, त भाषा अन्तरा यक अत बोडा हुसुड़ा, जेस कोई गिण ना बटताथ, हच्छे झिणे लाई कइ त अपु हतेउ अन्तर बुटे डाई घिन कइ सिंहासने समाणि त किएऊ समाणि खड़ खड़ असे।