अगर कोई में चेला बणण चहन्ता त तस में पतोती एण जरूरी असु; त जेठि अउं भुन्ता, तठि में नौखर बि भुन्ते; अगर कोई में सेवा कराल त परमपिता परमेश्वर तसे इज्जत कता।”
तढ़िया पता मेईं नजर घुमाई त हेरु, हर यक देश, जाति, ऊड़ी, त भाषा अन्तरा यक अत बोडा हुसुड़ा, जेस कोई गिण ना बटताथ, हच्छे झिणे लाई कइ त अपु हतेउ अन्तर बुटे डाई घिन कइ सिंहासने समाणि त किएऊ समाणि खड़ खड़ असे।