पर तुस अपु दुश्माण जोई परेम करे। होरी के भलाई करे त दुबारी ना मेणे उम्मीद रख कइ उधार दिए। तोउं, तुं लिए बोडा फल भुन्ता त तुस सर्व शक्तिमान परमेश्वरे गभुर बोलिन्ते, किस कि से बुरे त गुणे लिहाज न रखणे बाड़ी पुठ बि दाह कता।
किस कि कुछ सालुं पेहले थेउदास नओएं यक बंदा ईं बोता खड़िया कि से बि कुछ भो; तपले कोई चोउर सौ मेह्णु तेस जोई मी गे। पर से मार छड़ा, होर जतु मेह्णु तसे पता भुओ थिए, से सोब खिल्हिर गे त तेन्के बेलिए कुछ ना भु।
सम्हाई जेईं जे मसीह इस बझई जुए मुआ, कि जे जे बि मर कइ दुबारी जी घेन्ते, से अपु मर्जी जुए ना, बल्कि तसे मर्जी जुए जीएल जे तेन्के खातिर मर गा त दुबारी जी बि गा।
तोउं त अपु जिसमे बुरी इच्छाई बेलि जीण छड़ दिए त नाजायज रिश्ता रखुंण, बेशर्मे कम करण, बेख्याल जीण, सद अपु इच्छाई मोह अन्तर बिशुण त लालच करण जे कि मुर्तिपुजा करणे ईं असी, इन्हि सम्हाई बुरे कम केआं दूर बिशे।
असी ईं बि पता असा कि नियम धर्मी जे नेईं बल्कि तेन्हि सोब मेह्णु जे बणो असा, जे अधर्मी, दुष्ट, अविश्वासी, पापी, अशुचा, त ईया बोउ मारणे बाड़े, मेह्णुमार असे
से मेह्णु चौड़ा भोई गो असा त तस अपफ पता नेईं कि से मेह्णु की की शिचालता। पर तस कुछ शब्द पुठ झगड़ीणे बीमारी लग गो असी, जेसे बेलि जड़ण, लड़ाई, बुरी बोक त होरी पुठ झूठा बेहेम पैदा भुन्ता।
इहांणि, ए जवानों! तुस बि सतसंगे स्याणी के वश अन्तर बिशे। पर तुस सोब के सोब होरी केईआं अपफ जे घट समझे, किस कि धरमे कताब अन्तर लिखो असु कि “परमेश्वर घमण्डी के विरोध कता। पर जे अपफ जे घट समझते, तेन्हि पुठ दाह दया कता।”
खास कर तेन्हि जे परमेश्वर सुआ सक्ति कता, जे तसे राज ना मानते त सद अपु जिसमे बुरी इच्छाई हेसाब जुए जीन्ते। से गलत शिक्षा देणे बाड़े ढीठ त लापरवाह असे, त अपफ केईआं बोडी जे भलु बुरु बोलुण जे बि ना डरते।
पर ए मेह्णु बेअक्ले जानवर के ईं असे, जे सद मेह्णु के बेलि टेईंण त खतम भुण जे पैदा भो असे, होर जेन्हि बोकी के बारे ए जाणते ई नउ, तेन्के बारे होरी जे भलु बुरु बोते। परमेश्वर एन्हि खतम कइ छता, जीं मेह्णु जंगली जानवरी मारते।
तोउं मेईं यक खतरनाक जानवर समन्दर अन्तरा निस्ता काआ, जेसे दस शंग त सत मगिर थी। तसे शंग पुठ दस मुकुट थिए, होर तसे सत मगरी पुठ परमेश्वरे बुराई करणे बाड़ु नओं लिखो थिउ।