एन्हि बुच से मेह्णु असे, जे मेह्णु ठगाण जे अगरोरिया तेन्के मेहमान बण कइ घेन्ते। त से जे जिल्हाणु सोच विचार अन्तर कमजोर असी, जे अपु सुआ पापी के बझई जुए परेशान असी, त हर किस्मे इच्छाई के जाल अन्तर फसो असी, तेन्हि से अपु गलत शिक्षा शिचालते।
जती तेन अपु तारीफ की त मौज मस्ती की, ततुरु तुस तेस दुख दर्द दिए, किस कि से अपु अपफ बोती, ‘अउं त राणी ईं बस गो असी, होर विधवा नेईं, त शोक अन्तर कदी न घेन्ति।’
“सरदीस शेहरे सतसंगे दूत जे ईं लिख: यीशु मसीह, जेस केईं परमेश्वरे सत आत्मा त सत तारे असे, से ईं बोता कि तुं सोबी कमी अउं जाणता: मेह्णु तुसी जे जीन्ते त बोते, पर असे मरो।