त पतरस तेन्हि जोई साते घेई गा, जपल तठि पुजा त तेन्हि से तेस भखेरी जे नीआ जेठि से रखो थी। सोब विधवा जिल्हाणु रोलती तसे भेएड़ एई कइ खड़ खड़ बिश गई, होर जे कमीर त झिणे दोरकासे तेन्हि जोई साते बणाओ थिए, हरालण लगी।
इहांणि छड़ी कुई त ब्याहो जिल्हाणु अन्तर बि फरक असा। यक छड़ी कुई हर यक वकत प्रभु बारे सोच विचार कती रेहन्ती कि से जिसम त आत्मा दुहि अन्तर शुची लौती भो। पर ब्याहो जिल्हाणु मतोके सोच विचार त फिकरे अन्तर रेहन्ती कि मोउं अपु धाणि कीं कर कइ रिझाण।
अगर केसे विश्वासी जिल्हाणु केईं कोई विधवा असी त ई खरु भुन्तु कि विश्वासी अपफ तसे देखभाल करे, ताकि से सतसंग पुठ बोझ ना बणियेल। त सतसंग तेन्हि विधवाई के देखभाल कर बटियेल, जे यकदम अकेली असी।