तुस मुर्ति केईं भकत चढ़ो जानवरी के मासुं ना खाए, लहु ना खाए, ना पिए, कियाड़ी केआं घोप कइ मरो जानवरी के मासुं ना खाए त लछबन भुण केआं दूर बिशे। अन्हि केआं दूर बिशियेल त तुं भलु भुन्तु। तुसी शान्ति मेती रिहे।”
होर तेन्हि गैर यहूदी विश्वासी मेह्णु के बारे बोक ईं असी कि असी ई फैसला नी कइ लिख कइ लंघाओ असु कि तुस मुर्ति केईं भकत चढ़ो जानवरी के मासुं ना खाए, लहु ना खाए, ना पिए, कियाड़ी केआं घोप कइ मरो जानवरी के मासुं ना खाए त लछबन भुण केआं दूर बिशे।”
हें लिए परमेश्वरे जे कम किओ असे तस अपु खाणे चहे बेलि बेकार न करे। सच्चे बि परमेश्वरे खाण जे सोब कुछ शुचु किओ असु। पर तुं खाणे बेलि अगर केस मेह्णु विश्वास खतम भोई घेन्ता त तुस बुरु कते।
जे केस रोज खास मानते, से प्रभु इज्जत देणे खातिर मानते। होर जे सम्हाई कुछ खांते, से बि प्रभु इज्जत देणे खातिर खांते, किस कि तसे लिए से परमेश्वरे धन्यवाद कते। होर जे न खांते, से प्रभु इज्जत देणे खातिर न खांते, होर परमेश्वरे धन्यवाद बि कते।
तुं बुछ केहि बोते कि “अस कुछ बि कइ बटते। सोब किछ करण जे हें हक असा।” पर अउं बोता, “सोब किछ में फायदा जे नेईं। धिक बोले त, में मन मर्जी कम कि सोबी के विश्वास पक्का कता ना?”
से ब्याह करण केआं मेह्णु ठाकते, त किछ खाणे चीज खाण ना देन्ते। पर परमेश्वरे खाणे चीज तोउं दुतो असी कि जे तेस पुठ विश्वास कते त सच्चाई पिछाणो असी, तसे धन्यवाद दी कइ खाए।