1 शुची आत्मा सुसुर बोती कि एण बाड़े रोज अन्तर सुआ मेह्णु धोखा देण बाड़े मेह्णु के शिक्षा त दुष्ट आत्माई बारे शिक्षा मान कइ प्रभु यीशु पुठ विश्वास करण छड़ देन्ते।
पर जपल से मतलब सच्चे परमेश्वरे आत्मा एन्ती, से तुसी पूरी सच्चाई बथ हरालती। किस कि से अपफ कुछ ना बोती, पर जे बि बोउ केआं शुणती तस बतान्ती त एणे बाड़ी बोकी बतान्ता।
तुस अपल तकर मसीह जे शुची भक्ति त विश्वास अन्तर सुसुर थिए। पर अब अउं डरता कि जीं सृष्टि शुरुवात अन्तर तेस कीड़े लचेरणे बोकी के बेलि हब्बा भटक गो थी, तीं तुं मन बि भटक त नेईं गो?
त जे बि तुसी स्वर्गेदूती के पूजा करण जे या वेबझह अपफ जे कष्ट देण शिचालते, तेन्के बोक ना माने। अगर तुस तेन्के बोक मानियेल त अपु ईनाम गड़ाई छते। से दर्शण हेर कइ अपु पापी मने सोची बेलि झूठा रोभ किढ़ते।
त जीं तेन्हि इस्राएले मेह्णु बुछ केहि झूठे भविष्य वक्ता थिए, तीं तुसी बुछ बि गलत शिक्षा देणे बाड़े भुन्ते। से नियोक नियोक कइ नाश करणे बाड़ी कुबुद्धि देन्ते। से त तेस ताकतवर प्रभु बि इन्कार कते, जेन से अपु जानी कीमत दी कइ खरीदो असे। ईं कर कइ से अपु घेणे दन नीड़ीयेर आणते।
अस परमेश्वरे भिन्थ। जे परमेश्वर जाणता, से हें शुणता; पर जे परमेश्वर ना जाणता, से हें ना शुणता। इसे बेलि अस परमेश्वरे आत्मा जे सच्चाई हरालती त शैताने आत्मा जे मेह्णु बेहकान्ति पिछाण बटते।
तेन जोरी जोई हक दी कइ बोलु, “हेरे, बरबाद भोई गा से बोडा शेहर! बेबीलोन शेहर खतम भोई गो असा! से दुष्ट आत्माई के घर बण गो असा, त हर यक जुठी आत्माई के अड्डा बणो असा, त हर यक जुठी त कुस्तुरे चड़ी चखुरु के बसेरा बणो असा।
होर दीये टगड़ियार फि कदी तोउ अन्तर न चिलकती, त ब्याहे जानि रौनक तोउ अन्तर फि कदी न भुन्ति। ई सोब तोउं भुन्तु, किस कि तें व्यापारी जे मतोके बोडे बोडे मेह्णु थिए, तेन्हि तें जादू बेलिए सोब जाति भरमाई छो थी।
तोउं से खतरनाक जानवर त तेस जोई से झूठा भविष्य वक्ता बि टेइया, जे तेन्हि मेह्णु के समाणि होरे होरे निशाण हराल कइ भरमान्ताथ, जेन्हि पुठ तेस जानवरे छाप लगो थिए त जे तेसे मुर्तिपुजा कतेथ। ए दुहिए जीन्ते जी ईं तेस आगी टह्नु अन्तर फटाई छड़े, जे गन्धके बेलि जाती रेहन्ती।
कन खोल कइ शुणीण दिए कि शुची आत्मा सतसंगी जे की बोती। जे जीतते, तेन्के धे अउं तेन्हि रौठि देन्ता जे अमर जीवन देन्ती। होर तेन्के धे यक हच्छा घोड़ बि देन्ता, जेस पुठ यक नोउ नओं लिखो भुन्तु। तेस नओएं बारे होर कोई ना जाणता, सद सेईंया जाणता, जेस से मेता।”
तोउं बि होरे मेह्णु, जे तेन्हि महामारी के बेलिए ना मरे, तेन्हि ना अपु कमी केआं मन बदले, होर ना तेन्हि दुष्ट आत्माई, सुन्ने चन्नी, पीतले, घोड़े त कठोड़े मुर्ति के पूजा करण छड़ दिते, जे ना हेर सकते, ना शुण सकते, ना हंट सकते।