तुसी सम्हाई के बोउ शैतान भो त तुस तसे इच्छाई मुताविक जीण पसंद कते। से त शुरुवात केआं ईं मेह्णुमार असा त तस कदी परमेश्वरे सच्चा वचन ट्यारे ना लगे, किस कि सच्चाई तस अन्तर नेईं। जपल से झूठ बोता, त अपु सभावे हिसाब जुए बोता किस कि से झूठा असा त झूठ बोलुणे बाड़ी के बोउ असा।
किस कि असी सोबी केईआं गलती भुन्ति रेहन्ती। पर जे कोई अपु बोके बेलि कुछ बि गलती ना कता, सेईंए सिद्ध मेह्णु असा। से अपु पूरा जिसम बि अपु वश अन्तर कइ रखता।
तेन्के बुरु करणे फल तेन्के बुराई भुन्ति। तेन्हि त दन-धहाड़े मस्त मलंग अन्तर बिशुण खरु लगतु। ए मेह्णु तुसी जे कलंक त दोष भिन्थ, किस कि एन तुसी जोई त खाण पीण जे बिश्ते, पर अपु कनारा धाम खाई कइ गलत कम कते।
अगर कोउं बोलियाल, “अउं परमेश्वर जोई परेम कता” होर अपु भाई भेणि हेर नफरत कता, त से झूठा असा। किस कि जेन विश्वासी से काओ असा अगर तेन्हि परेम ना कता त जे परमेश्वर तेन काओ बि नेईं तेस जोई कदी परेम ना कइ बटता।