रोमियो 8:6 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान6 देहीए पापी सभाबा दी मन लाणअ ता आसा मौत, पर आत्मां दी मन लाणअ आसा सदा लै ज़िन्दगी और शांती। Faic an caibideilकुल्वी6 शरीरा पैंधै मन लाणा ता मौऊत सा, पर आत्मा पैंधै मन लाणा ज़िन्दगी होर शान्ति सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम6 शरीरा में मन लाऊणा मृत्यु साहा, पर आत्मा में मन लाऊणा जिंदगी होर शांति साहा। Faic an caibideil |
ज़ेभै हुंह पाप करनअ च़ाहा त, हुंह समझ़ा त इहअ कि मुंह भेटणीं सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी ज़ै हुंह बधाने सोभी गल्ला मंदअ। पर मेरी अह सोठ ती गलत। हुंह समझ़ा त इहअ कि हुंह सका पाप करनअ और बधान दुहै एकी बारी करी। असली दी त लाअ द हुंह सदा लै आप्पू का दूर करी किल्हैकि हुंह निं बधाने कोही गल्ला पूरी करी सकअ। (रोमी 7:8)