रोमियो 8:35 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान35 मसीहे झ़ूरी का निं हाम्हां कोहै ज़ुदै करी सकदअ। नां खरी, नां सांगट, नां उपद्रभ करनै आल़ै, च़ाऐ देशै नकाल़ होए, च़ाऐ हाम्हां का बान्हणां लै झिकल़ै निं होए, च़ाऐ हाम्हां लै खातरअ होए, च़ाऐ हाम्हां कुंण तलबारा करै काटे! Faic an caibideilकुल्वी35 कुण आसाबै मसीह री झ़ुरी न आँगी केरी सका सा? कि क्लेश, कि दुःख, कि उपद्रव, कि अकाल, कि नाँगापन, कि ज़ोखिम, कि तलवार? Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम35 कुण हामा मसीहा रे प्रेमा का अंगी करी सका? कैह दुःख, या संकट, या उपद्रव या अकाल, या जोखिम या तलवार। Faic an caibideil |
और ईशू मसीहा बाखा बी लोल़ी तम्हां सोभी झींण और शांती भेटी ज़ुंणी भरोस्सैमंद हई करै परमेशरो सत्त प्रगट किअ। अह आसा सह पैहलअ ज़ुंण मरी करै भी ज़िऊंदअ हुअ और सह आसा एऊ संसारे सोभी प्रैंदै राज़ करनै आल़अ। (कुलुस्सी 1:8) सह आसा हाम्हां लै झणैल़ू और तेऊ बच़ाऊऐ हाम्हैं, तेऊ छ़ड़ैऊऐ हाम्हैं म्हारै पापा का आपणैं लोहू करै।