रोमियो 7:8 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान8 पर पापै पज़ेरअ मोक्कअ भाल़ी करै हुकमा संघै मुंह दी सोभी रंगो मांण, किल्हैकि बधाना बाझ़ी आसा पाप मुल्दअ। Faic an caibideilकुल्वी8 पर पापै मौका पाईआ हुक्म री बजहा न सैभ तैरहै रा लालच पैदा केरू, किबैकि बिधाना रै बगैर पाप मूँआदा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम8 पर पाप मोका पाई करे आज्ञा संघे महा पंदे सभी तरहा रे लालच पैदा करू किबेकि बिना व्यवस्था रे पाप अधूरा साहा। Faic an caibideil |
ज़ेभै हुंह पाप करनअ च़ाहा त, हुंह समझ़ा त इहअ कि मुंह भेटणीं सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी ज़ै हुंह बधाने सोभी गल्ला मंदअ। पर मेरी अह सोठ ती गलत। हुंह समझ़ा त इहअ कि हुंह सका पाप करनअ और बधान दुहै एकी बारी करी। असली दी त लाअ द हुंह सदा लै आप्पू का दूर करी किल्हैकि हुंह निं बधाने कोही गल्ला पूरी करी सकअ। (रोमी 7:8)
कै हाम्हैं इहअ बोली सका कि ज़ुंण बधान परमेशरै मुसा लै दैनअ, ज़ुंण हाम्हां लै बधिया त, सह कै हाम्हां परमेशरा का दूर निंयां? असली दी निं इहअ हई सकदअ। बधान ज़ुंण बधिया त तेता करै नाठअ हुंह पापा नेल़। मुखा त तेते नतिज़ेओ थोघ कि हुंह त परमेशरा का खास्सअ दूर। एसा गल्लो बी लागअ मुखा थोघ कि परमेशरै हाम्हां लै कै हुकम आसा दैनअ द, मुखा इहअ बी लागअ थोघ कि ज़ुंण किछ़ बी हुंह करा पैहलै करा त, सह आसा त असली दी पाप।